Tuesday, 3 March 2009

अराजक सृजन : एक अजीब मिश्रण

ब्लॉग्गिंग की दुनिया मेरे लिए बिलकुल भी नयी नही है। पिछले तीन सालों से मैं लिखता आ रहा हूँ - ज्यादातर अंग्रेजी में लेकिन अभिव्यक्ति जब भाषा में बंध जाती है तो अपाहिज हो जाती है। हिन्दी से मेरा प्रेम है, छुटपन में मैंने तोतली जुबान में इसी भाषा का उपयोग किया था इसलिए हिन्दी मेरे अन्दर कहीं गहरे तक जाती है। इसलिए सोचा क्यो ना हिन्दी में भी ब्लॉग लिखा जाए।

मेरा पूरा प्रयास रहेगा की कैसे मैंने पढने वालों को भाषा से अभाषा तक ले जा सकूं और एक अराजक सृजन कर सकूं क्योंकि ये मेरा विश्वास नही बल्कि मेरा अनुभव है की हर सृजन अराजकता से ही पैदा होता है।

सधन्यवाद।